व्रत का समापन सूर्य देव को समर्पित अर्घ्य के साथ होगा। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी में जुट गए हैं उगता हुआ सूर्य देव और डूबता हुआ सूरज दोनों कोअर्घ्य देते हुए
Kamrun nisha
जिला कोरिया बैकुंठपुर लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने मंगलवार की शाम में खरना का अनुष्ठान किया। सोमवार को नहाए खाए के बाद मंगलवार को खरना का अनुष्ठान किया गया। खरना के दिन प्रसाद के रूप में नए चावल और गुड़ की बनी खीर रोटी और केले का प्रसाद लगाया जाता है। शहर में प्रसाद पानें के लिए लोग व्रतियों के यहां पहुंचते रहे। छठ पर्व के दूसरे दिन को खरना या लोहंडा के नाम से जाना जाता है।
छठ महापर्व से जुड़ा महत्वपूर्ण अनुष्ठान खरना व्रतियों द्वारा भक्तिभाव से विधिपूर्वक मनाया गया। खरना के साथ ही व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास का कठिन व्रत भी शुरू हो गया। व्रत का समापन अब गुरुवार को सुबह की बेला में सूर्य देव को समर्पित अर्घ्य के साथ होगा। खरना के बाद अब व्रती बुधवार की शाम को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी में जुट गए हैं। शहर में छठ घाट पर पूजा की तैयारियां चल रही है। खरना छठ से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। छठ मइया को समर्पित यह अनुष्ठान शाम वाले अर्घ्य से एक दिन पहले संपन्न किया जाता है। खरना में छठी मैया को गुड़ व दूध में बनी खीर, पूड़ी, केला व मिठाई का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। खास बात यह है कि इस अनुष्ठान में व्रती अकेली भाग लेती हैं।