विधानसभा शीतकालीन सत्र: आरक्षण विधेयक पर तीखी नोक-झोंक

kamrun nisha

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र: आरक्षण विधेयक पर तीखी नोक-झोंक

छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही सत्ता और विपक्ष के बीच आरक्षण विधेयक पर फिर तीखी नोक-झोंक शुरू हो गई। भारी शोरगुल के बीच अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही पाँच मिनट के लिये फिर स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही 10 मिनट के अंतराल के बाद दोबारा शुरू होते हुए सत्तापक्ष-विपक्ष के विधायक तीखी नोक-झोंक शुरू हो गई। आरक्षण विधेयक पर सदन का माहौल गर्माता देख स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक पद है। राज्यपाल के प्रति अमर्यादित टिप्पणी ना हो, इस बात का ध्यान रखे।

मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि अपमान जैसी बात नहीं है। कहीं कोई अपमान नहीं कर रहा है। अधिकार की माँग की जा रही है। मोहन मरकाम ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर राज्यपाल काम कर रही हैं। आदिवासियों और पिछड़ों का हक़ छीना जा रहा है। छत्तीसगढ़ की आदिवासियों, पिछड़ों के हक़ के लिए 1-2 दिसंबर को आरक्षण विधेयक इसी सदन में सर्व सम्मति से पारित किया गया था। आज तक इस पर दस्तख़त नहीं किया गया। मंत्री उमेश पटेल, मंत्री अमरजीत भगत और मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है। इस पर मचे भारी शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

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