फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से बड़ी खबर, बलरामपुर डीएफओ के पवेलियन लौटते ही, देर शाम से ही बलरामपुर वन अमला की टीम का एक-एक कर उखड़ रहा है विकेट, अब तक डीएफओ समेत पांच लोगों पर हुई कार्रवाई

कमरून निशा

उत्तर सरगुजा के बलरामपुर व सूरजपुर वन मंडल क्षेत्र में 48 घंटे के भीतर लगातार रहस्यमय ढंग से अलग-अलग जगहों पर तीन हाथियों की सड़ी-गली अवस्था में शव वन अमला को मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। जिसके उपरांत मामला हाई प्रोफाइल होने पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर में वन्य प्राणी की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे है। इसी बीच मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने भी छत्तीसगढ़ फारेस्ट से संपर्क कर जमकर नाराजगी व्यक्त की थी एवं जाँच कर तत्काल रिपोर्ट भेजने को कहा था। जिसके बाद छत्तीसगढ़ वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कड़ा रुख अपनाते हुए जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की भी अनुशंसा कर दी है जिसके बाद लगातार देर शाम से ही कार्रवाई का सिलसिला जारी है। कार्रवाई की प्रथम कड़ी में राजपुर रेंजर अनिल सिंह को निलंबित कर आगामी आदेश तक बलरामपुर अटैच किया गया था। जिसके उपरांत बलरामपुर डीएफओ प्रणय मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी कर लंबी छुट्टी में भेज गया एवं उनकी जगह नए डीएफओ लक्ष्मण सिंह की पदस्थापना कर दी गई है। वही एसडीओ खुटिया को भी निलंबित करने की ख़बर आ रही थी। कार्रवाई का सिलसिला नहीं तक नहीं रुक रोका गया। देर रात अब यह खबर आ रही है कि अतौरी (पश्चिम) के वनरक्षक भूपेन्द्र सिंह और परिक्षेत्र सहायक गोपालपुर राजेन्द्र प्रसाद तिवारी को भी निलंबित कर दिया है। एक ही दिन में इतनी कार्रवाई से यह साफ है कि राज्य सरकार हाथियों की मौत पर बड़ी कार्यवाही के मूड में है। अभी तक बलरामपुर मंडल क्षेत्र में डीएफओ समेत 5 अधिकारी-कर्मचारी नपे पर जा चुके हैं। आगे और कितने अधिकारी कर्मचारियों के ऊपर गाज गिरनी है, आगे देखना बाकी है।

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