आजादी के उत्सव में मस्त सम्मान करने वाले और सम्मानित होने वाले नजर नहीं रखें हाथ फैलाने वाली मातृशक्ति पर
kamrun nisha
कोरिया(मुख्यालय)स्वतंत्रता दिवस के 75 वे समारोह में जहां शासन-प्रशासन जनप्रतिनिधि कलेक्टर से लेकर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सम्मानित कर रहे थे ऐसे में एक वृद्ध महिला सम्मानित होने वाले लोगों के सामने हाथ फैलाए खड़ी थी शायद उसे सम्मान नहीं चाहिए था लेकिन पेट की भूख और समाज के एक तबके के द्वारा ठुकराई गई एक आस के सहारे सम्मानित होने और सम्मानित करने वालों के सामने हाथ फैलाए खड़ी रही वाह रे सम्मान करने वाले समाज सम्मानित होने वाले समाज एक वृद्ध महिला को देख ना सके
जी हां हम बात कर रहे हैं कोरिया जिला के जिला मुख्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर जहां एक तरफ वैश्विक महामारी से लेकर समाज के अन्य वर्गों को अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष कार्य को लेकर सम्मानित किया जा रहा था इसी दरमियान सम्मानित करने वाले मंच के सामने एक वृद्ध महिला कोविड के नियमों का पालन करते हुए मास्क लगाए हाथ में डंडा लिए और दूसरे हाथ को सम्मान करने वाले और सम्मानित करने वालों के सामने फैलाए खड़ी हुई है जिला मुख्यालय का ऐसा कोई सम्मानित करने वाला व्यक्ति नहीं है या सम्मान करने वाला कोई व्यक्ति नहीं है जो उस महिला को उसके फैलाए गए हाथों पर उसकी चाही गई मांग को पूरा कर सकें यह कोई समाचार नहीं है यह एक जगाने का अभियान है किसी ने ठीक कहा है इंसान हो इंसानियत को समझो लेकिन शायद सम्मान करने वाले इस मस्ती में चूर थे कि हम सम्मान कर रहे हैं और सम्मान पाने वाले इस अभिमान में चूर थे कि हम को सम्मान मिल रहा है लेकिन इस वृद्ध महिला को उसके द्वारा फैलाए गए हाथों पर उसकी मांग पूरी हो सकी पत्रकार हैं गहराइयों और सूक्ष्मता को बारीकी के साथ पकड़ते हैं विचार करिए सोचिए