शिक्षक समाज को गढ़ता है और जब समाज का दर्पण साहित्य से जुड़ जाता है तो वह इतिहास बना देता है : लक्ष्मी करियारे साहित्यकारों ने दी प्रस्तुति एस. के.”रूप”।

kamrun nisha

जिला कोरिया बैकुंठपुर, शिक्षक समाज को गढ़ता है और जब समाज का दर्पण साहित्य से जुड़ जाता है तो वह इतिहास बना देता है : लक्ष्मी करियारे

काव्यतरंग वर्चुअल काव्यपाठ का हुआ आयोजन,देश और प्रदेश स्तर के साहित्यकारों ने दी प्रस्तुति

एस. के.”रूप”

बैकुंठपुर/ अभ्युदय हुनर की खोज काव्यतरंग वर्चुअल काव्यपाठ का आयोजन सोमवार दिनांक 19 / 09/ 2022 को देश एवम प्रदेश के साहित्यकारों की गरिमामई उपस्थिति में संपन्न हुआ। उक्त ऑनलाइन काव्यपाठ में छत्तीसगढ़ की मशहूर लोकगायिका शिक्षिका और कई साहित्यिक सम्मान प्राप्त लक्ष्मी करियारे ने अध्यक्ष की महती भूमिका निभाई उन्होंने कहा कि आज के सुंदर कार्यक्रम के लिए आयोजनकर्ताओं को ढेरों बधाई,शिक्षक समाज को गढ़ता है और जब समाज का दर्पण साहित्य से जुड़ जाता है तो वह इतिहास बना देता है अनुकरणीय हो जाता है।

कार्यक्रम में लोकगायक और छालीवुड अभिनेता सूरज श्रीवास, सतीश उपाध्याय,निर्दोष जैन लक्ष्य, डा रामेन गोस्वामी विशेष आमंत्रित अतिथि रहे। इसी तरह वरिष्ठ साहित्यकार, बी पी मिश्रा अनाम,अनीता चौहान,समाज सेविका संध्या रामावत विशिष्ठ अतिथि रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का दायित्व ,योगेश गुप्ता,रुद्र नारायण मिश्रा, एवम राजीव लोचन त्रिवेदी वारिधी गतोहम ने निभाया।

काव्यतरंग वर्चुअल कार्यक्रम के आयोजक सम्यक क्रांति के प्रबंध निदेशक एस.के.”रूप” रहे। कार्यक्रम के शुरुआत में आयोजक द्वारा उद्बोधन और काव्य महिषियों का स्वागत किया गया। तत्पश्चात ज्योत्सना जैन के द्वारा मां शारदेय का भजन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन युवा कवयित्री एवम शिक्षिका अलीशा शेख ने किया। उक्त वर्चुअल काव्यपाठ में अतिथियों ने अपने ज्ञानवर्धक और साहित्य के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए काव्यपाठ किया। साथ ही जुड़े हुए सभी रचनाकारों ने अपनी अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी । जिसने वरिष्ठ साहित्यकार सतीश उपाध्याय ने “कई पतझड़ मधुमास समेटे पलकों में रहते है की प्रस्तुति दी। समाजसेविका संध्या रामावत ने “अखबारों में पढ़ी एक मार्मिक खबर मां ने अपने बच्चों को दे दी जहर” सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। कवयित्री ज्योतिमाला सिन्हा ने “कविता अगर दिल से ही तो क्या बात है/कविता अगर देश के लिए हो तो क्या बात है। का पाठ करके देश भक्ति की भावना जागृत कर दी। युवा कवि संदीप गौड़ बादल ने मैं कवि मुझे लिखना होगा का पाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार बी पी मिश्रा अनाम ने अपने सरगुजिहा हास्य रचनाओं “हाय रे तें सावन के घाम/ये दांत अगर जड़ से उखड़ जाए तो अच्छा है” एवम हास्य कवि उमाशंकर मनमौजी भोपाल ने “बोलो बेटा क्या है तेरी अंतिम इच्छा/हे मिस्टर यमराज मरने से पहिले कविता सुन लो आज का पाठ करते हुए सबको हंसकर झूमने पर मजबूर कर दिया। कवि रुद्र नारायण मिश्रा ने दिखे उजाला चारों ओर आया है फैशन का दौर की प्रस्तुति दी,वहीं विजय कुमार गुप्ता ने धधकती चिता के माध्यम से जनप्रश्न किया। इसी तारतम्यता में योगेश गुप्ता ने अपने चिर परिचित अंदाज में ओजपूर्ण कविताओं का पाठ किया। बृजेंद्र अहीर ने साहस हौसला और हिम्मत बस दोस्तो ने दी है का पाठ करके दोस्ती के महत्व पर प्रकाश डाला वहीं युवा कविद्वय कृष्णदत्त और श्रेयस सरिवान ने क्रमश: यूं घाटी को वीरान छोड़कर मैं कैसे घर आऊं प्रिए और गुरु की महिमा का पाठ किया। युवा कवयित्री अलीशा शेख ने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपनी रचना का पाठ किया। वरिष्ठ कवयित्री अनीता चौहान ने अपनी मर्मस्पर्षी रचना का पाठ किया। कवि रौशन कुमार, हिमांशु चतुर्वेदी,ज्योति दीवान ने कार्यक्रम में समा बांध दिया वहीं कार्यक्रम में धनबाद झारखंड के वरिष्ठ कवि निर्दोष जैन ने हम तो आज पत्थरों में फूल खिलाने आए है और युवा कवि रामेन गोस्वामी ने मातृ शक्ति पर संस्कृत के श्लोक सहित अपनी कविता की प्रस्तुति दी। आयोजक एस. के.”रूप” ने भारत देश पर कविता का पाठ किया। विदित हो कि काव्यतरंग में कई साहित्यकारों कवियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी।कार्यक्रम के अंत में आयोजक ने आभार प्रदर्शन किया।

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