चौक बना कबूतर चौक दो घड़े के अंदर कबूतराे का विश्राम घर बना दोनों पार्टियों के मतभेद के कारण निर्माण कार्य अधूरा जिला प्रशासन के नजरों के सामने आधा अधूरा खंडार

कमरून निशा

पक्षी कबूतर छाया का आनंद लेते हुए

छत्तीसगढ़ जिला कोरिया बैकुंठपुर के नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत घड़ी चौक जिसे कहते थे आज वह खंडार में तब्दील यूं कह सकते हैं कि घड़ी चौक बना कबूतर चौक विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो घड़ी चौक का निर्माण कार्य शुरू हुआ था दोनों पार्टियों के मतभेद के चलते घड़ी चौक का कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा आपको बता दें कि यह बैकुंठपुर जिला कोरिया का चौक है जिसका नाम घड़ी चौक रखा गया था और घड़ी चलते चलते बंद हो गई उसे निकलवा दिया गया और पक्षी कबूतर के रहने के लिए एक छाया मिल गई यूं कहें कबूतर चौक

बैकुंठपुर चौक निर्माण कार्य रुका बीजेपी के लोग कहते हैं की जो हम कहेंगे वही चौक में लगेगा
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं वरिष्ठ नेताओं का कहना है की चौक का निर्माण पूर्ण होने पर जो हम कहेंगे वही चौक में लगेगा और नाम होगा
आपको बता दें कि भाजपा और कांग्रेश पार्टी वरिष्ठ नेताओं के चलते ना चौक का निर्माण पूर्ण हो रहा ना उसमें कोई नाम दिया जा रहा है क्या होगा जिले का जिले का यह हाल है तो इंटीरियल क्या क्या हाल होगा

विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार असमंजस में नगर पालिका के अधिकारी पडे हुए हैं उनके समझ में नहीं आ रहा की कैसे निर्माण कार्य चौक का पूरा किया जाए बैकुंठपुर चौक जिसे हम कहते हैं चौक से आए दिन जिला प्रशासन जिला कलेक्टर एवं समस्त अधिकारी कर्मचारी चौक से निकलते रहते हैं और देखते रहते हैं यहां तक की हम आपको बता दें कि जिला कलेक्टर कुलदीप शर्मा जी आए दिन उसी चौक से गुजरते हैं मगर शायद उनको दिखाई नहीं दिया की चौक का निर्माण आधा अधूरा बीच सिटी में है अब चौक निर्माण कार्य पूर्ण होगा नहीं होगा यह तो नगर पालिका एवं जिला प्रशासन ही बता सकती है

आपको ज्ञात हो कि अमृतधारा महाेउत्सव 1 मार्च 2022 कोरिया जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल अमृतधारा में शुभारंभ करने के लिए मुख्य अतिथि चरण दास महंत है मुख्य अतिथि चरणदास महंत जी कोरिया दौड़े पर है और उसी चौक से निकलेंगे देखना यह है कि उनका क्या कहना है आधा अधूरा निर्माण कार्य खंडार का जिसे हम कह सकते हैं कबूतर चौक और कबूतर बैठते भी हैं उसमें दो घड़ा भी लगा दिया गया है कबूतरों के विश्राम करने के लिए जिस तरह अतिथियों के रुकने की जगह पी डब्ल्यू जी रेस्ट हाउस है उसी तरह से पक्षियों के रहने के लिए बैकुंठपुर चौक कबूतर चौक है

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