थर्ड पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम में नहीं होगी बढ़ोतरी

कमरुन निशा


नई दिल्ली। इस समय पूरा देश कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा है। सभी गैर-जरूरी बाहरी काम बंद हो गई हैं, अर्थव्यवस्था और इंडस्ट्रीज भारी संकट से जूझ रही हैं। ऑटो इंडस्ट्री को लेकर सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने पहले ही कहा था कि लॉकडाउन के चलते ऑटो इंडस्ट्री हर रोज करीब 2300 करोड़ रुपये का नुकसान झेल रही है और कोशिश कर रही है कि स्थिति ज्यादा खराब न हो। ऐसे में Siam ने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्रधिकरण (IRDAI) से अनुरोध किया है कि वित्त वर्ष 2021 के लिए थर्ड पार्टी मोटर बीमा शुल्क को संशोधित नहीं किया जाए। IRDAI ने सबमिशन स्वीकार कर लिया है और वित्तीय वर्ष के लिए अपनी प्रीमियम दर बरकरार रखी है।
SIAM के प्रेसिडेंट राजन वाधेरा ने कहा कि “हम वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सभी वाहन श्रेणियों के लिए थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम दरों को अपरिवर्तित रखने के लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के आभारी हैं। यह प्रीमियम दरों को बनाए रखने पर IRDAI द्वारा सियाम के सबमिशन के अनुरूप है और इससे अंतिम उपभोक्ताओं के लिए वाहन अधिग्रहण की लागत में वृद्धि से बचा जाता है।”
बता दें यह मोटर वाहन के लिए पॉलिसी बीमा कराने वाले को नहीं, बल्कि जो तीसरा पक्ष दुर्घटना से प्रभावित होता है, उसे कवरेज देने के लिए किया जाता है। कई बार ऐसा होता है मोटर वाहन चलाते समय किसी दुर्घटना में सामने वाले की मृत्यु होने या उसके घायल होने का पता चलता है और आपके पास उसके इलाज के लिए इतने पैसे नहीं होते। तो सरकार ने इस स्थिति में उस इंसान के लिए इस थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान रखा है, जिसे हर मोटर वाहन के लिए कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया गया है। इस थर्ड पार्टी बीमा के तहत दुर्घटना में प्रभावित सामने वाले पक्ष को मुआवजा दिया जाएगा। इसलिए हर साधारण बीमा कंपनी को इस बारे में प्रावधान करना होता है।
भारत में जब वाहन खरीदा जाता है, उसी समय वाहन डीलर बीमा कवेरज की गणना करके कीमत में जोड़ देता है। इस बीमा कवरेज में थर्ड पार्टी कवरेज का हिसाब भी होता है। थर्ड पार्टी कवरेज कुल बीमा का एक छोटा सा हिस्सा होता है। थर्ड पार्टी कवरेज का प्रीमियम बीमा नियामक इरडा की तरफ से गठित शुल्क सलाहकार समिति के सुझावों के आधार पर तय किया जाता है। वैसे इस कवरेज में प्रभावित पक्ष के लिए मुआवजे का निर्धारण उसकी आमदनी को देखते हुए ही किया जाता है।

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