जिला बलरामपुर में ग्रामीण विकास मंत्रालय की बड़ी कार्यवाही मौजूदा एसडीएम प्रभारी सीईओ निलंबित और कार्यक्रम अधिकारी के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज

कमरून निशा
कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी तिवारी पहले से है निलंबित
मिली जानकारी के अनुसार 2014-15 से 2015-16 में हुए घोटाले पर कार्यवाही करते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तत्कालीन सीईओ एमके मरकाम एवं मौजूदा एसडीएम ज्योति बबली बैरागी को किया निलंबित। भ्रष्टाचार में संलिप्त तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी तिवारी के ऊपर एफ आई आर के आदेश।
जिला बलरामपुर के जनपद पंचायत वाड्रफनगर में वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2015-16 में मनरेगा के अंतर्गत कागजों पर ही मिट्टी मुरम सड़क पुलिया निर्माण तटबंध जैसे कार्य कागजों पर ही कर दिया गया और सरकारी खाते से 38 लाख रुपये से ज्यादा के भुगतान फर्जी तरीके से किए गए हैं।
पूरा मामला
भ्रष्टाचार का यह मामला वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2015-16 का है। बलरामपुर जिले के जनपद पंचायत वाड्रफनगर में पदस्थ रहे महिला एसडीएम के खिलाफ मनरेगा में किए गए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच चल ही रही थी महिला एसडीएम पर आरोप है कि उन्होंने निर्माण कार्य के हवाले से 38 लाख रुपए के भुगतान बिना किसी निर्माण के ही कर दिए हैं।
वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2015-16 के तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में पदस्थ एसके मरकाम और तत्कालीन सीईओ और मौजूदा एसडीएम ज्योति बबली बैरागी के खिलाफ आरोप है की जनपद पंचायत वाड्रफनगर में मनरेगा के अंतर्गत फर्जी निर्माण कार्य काग़जों पर ही किए गए और सप्लायर हरिहर यादव और साहू जनरल सप्लायर रघुनाथ नगर के खाते में 38 लाख रुपये का फर्जी भुगतान किए गए हैं। भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने पर सरगुजा संभाग आयुक्त ने भ्रष्टाचार में शामिल तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी और वर्तमान एसडीएम ज्योति बबली बैरागी तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी तिवारी के विरुद्ध सरगुजा संभाग आयुक्त को जांच के आदेश दिए गए थे परंतु भ्रष्टाचार का यह मामला वर्षों तक दबा रहा।
मिट्टी वर्ष 2014-15 से 2015-16 में मनरेगा के अंतर्गत किए गए भ्रष्टाचार के इस मामले पर कार्यवाही करते हुए छत्तीसगढ़ ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तत्कालीन सीईओ एस के मरकाम और तत्कालीन सीईओ और मौजूदा एसडीएम ज्योति बबली बैरागी को निलंबित कर दिया है और भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। साथ ही साथ फर्जीवाड़ा में संलिप्त तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी तिवारी पर एफआइआर के आदेश जारी किए गए हैं जबकि अश्विनी तिवारी 2019 से ही निलंबित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.